अपने हिस्से के आँसू
- Vivek Pathak

- 23 अक्टू॰ 2024
- 1 मिनट पठन
अपडेट करने की तारीख: 16 नव॰ 2024
चाहोगे जिसे हद से ज़्यादा, वही दिल तोड़ेगा,
रखी आस जिससे भी, वही हाथ छोड़ेगा l
सिर्फ़ तुम ही हो तुम्हारा सहारा,
जितना जल्दी जान लो, तो जीवन बेहतर होगा l
रो लेना, अपने हिस्से के आँसू अकेले में,
कोई साथ हो न हो,
अपनी ही राह पर अकेले चलते रहना होगा l
जिसने भी दिया आँसू, सुख का हो या दुःख का,
श्रेय सिर्फ़ तुमको जाता है,
और दोष का फल भी तुमको ही भोगना होगा l
आज जो मन में है, उसे आज ही जी लेना,
टाल, न कल पर, कल तो काल है, टाले न टलेगा l
विवेक गोपाल कृष्ण पाठक














टिप्पणियां