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नहीं चाहिए मोक्ष मुझे
दुःख है - धोखा है - आँसू हैं, भूख है, बीमारी है, -2 सारी दुनिया, ये सारी दुनिया, अकेलेपन की मारी है l और उसके ऊपर छाई, मतलबीपन की ख़ुमारी...

Vivek Pathak
9 जून1 मिनट पठन
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तबाह हूँ मैं
अपनी कहानी का इकलौता गवाह हूँ मैं, सिर्फ़ मैं ही जानता हूँ, कि कितना तबाह हूँ मैं l -2 जहाँ को जीतने का फ़न, खोया मैंने, हर क़दम पे, बस...

Vivek Pathak
24 मई1 मिनट पठन
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अपनों का ग़म
अचानक टूट के, बिलख के रो पड़ना, भरे बाज़ार में भी वीराना सा लगना l जिसके बिना अब, कोई अपना नहीं लगता, जिसके बिना हर सुख, बेमानी सा लगता l...

Vivek Pathak
16 मई1 मिनट पठन
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जीवन और जोखिम
जिसमें नहीं ज़िगर, जो ले सके न जोखिम अगर,-2 जीना तो दूर, मरना भी हो जाता है उसका दूभर l जो सोचे कि ग़म मिलेंगें तो,-2 क्यों चला जाए उस...

Vivek Pathak
25 अप्रैल1 मिनट पठन
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तन्हा रहना सीख लो
तन्हा रहना सीख लो, तन्हा रहना सीख लो, कि हमेशा कोई साथ न होगा l हर रिश्ता है कुछ पल का ही, हर रिश्ता है कुछ पल का हीl और अलग होने के हैं...

Vivek Pathak
18 अप्रैल1 मिनट पठन
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गाली
जिनके कर्म गाली हैं, जिनका जीवन गाली है, जिनके कर्म गाली हैं, जिनका जीवन गाली है, और जो तहज़ीब की लाश उठाये फिरते हैं ज़ुबां पर, उनको...

Vivek Pathak
2 अप्रैल1 मिनट पठन
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बधाई हो बेटा हुआ है
ऐ मर्द ! तेरे पैदा होने की ख़ुशी, सिर्फ़ इसलिये मनाई जाती है l-2 कि कोई तुझमें बुढ़ापे की लाठी डूँढ़ता है, या पैसे कमाने की मशीन समझता है...

Vivek Pathak
30 मार्च1 मिनट पठन
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साधु के आँसू
छोड़कर दुनिया के सब रिश्ते नातों को, छूटकर माया के मोह जाल से, चल पड़ा है वो l उसको पाने जो उसके ही भीतर है, अंतर की यात्रा पर निकल पड़ा...

Vivek Pathak
15 फ़र॰1 मिनट पठन
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अब तो कर स्वीकार
मेरा पाप-मेरा पुण्य, मेरा ज्ञान-मेरा अज्ञान, मेरी हार-मेरी जीत, मेरा पुत्र-मेरा परिवार, मैं और मेरा बाक़ी संसार l कर के भस्मी, करता हूँ...

Vivek Pathak
14 फ़र॰1 मिनट पठन
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जीवन और मृत्यु
शुरू शुरू में, जब ये अनुभव शुरू हुआ था, मैं दो तीन बार मृत्यु से बहुत डरा था l लगा था कि जीवन का अंत निकट है, व्यर्थ गया ये भी अवसर,...

Vivek Pathak
14 फ़र॰1 मिनट पठन
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जान रहा हूँ जग को
जितना जान रहा हूँ जग को, उतने बंधन छूट रहे l जितना जान रहा हूँ जग को, उतने बंधन छूट रहे l पाना-खोना, जीना-मरना, पाना-खोना, जीना-मरना, सब...

Vivek Pathak
25 जन॰1 मिनट पठन
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अकेले में
थोड़ा रो लिया करो अकेले में, थोड़ा रो लिया करो अकेले में, दुनिया की भाग दौड़ में, कहीं खो ना दो ख़ुद को, कभी तो खो लिया अकेले में l...

Vivek Pathak
10 जन॰1 मिनट पठन
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तेरे बिना
तूने कहे सौ फ़साने ए ख़ुशनवर, जिसने दिया दर्द ए दिल, एक नज़राना उसके लिए l कि तुझसे बिछड़कर मरना गँवारा न हुआ, तेरे बिना जीने को, मैंने...

Vivek Pathak
28 दिस॰ 20241 मिनट पठन
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शायर होना क्या है?
आख़िर शायर होना क्या होता है?-2 शायर होना, एक रफ़ कॉपी की तरह होता है, कि जब तक न काटे, अपने लिखे को दो बार, सही लिखना कहाँ होता है? यूँ...

Vivek Pathak
28 दिस॰ 20241 मिनट पठन
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अंतर का ख़ज़ाना
न जाने क्यों हर तरफ़, अब कमीं नज़र आती है, न जाने क्यों हर तरफ़, अब कमीं नज़र आती है, जब से मिली है ख़बर अंतर के ख़ज़ाने की, बाहर के सोने...

Vivek Pathak
21 दिस॰ 20241 मिनट पठन
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जीवन और फ़क़ीर
भोर की लालिमा में, किसी चूल्हे से, उठती धुँए की एक लक़ीर l भोर की लालिमा में, किसी चूल्हे से, उठती धुँए की एक लक़ीर l निकल पड़ा हो जैसे,...

Vivek Pathak
8 दिस॰ 20241 मिनट पठन
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हे प्रभु!
हे प्रभु! मेरे कष्टों को दूर कीजिए, यदि किसी योग्य हूँ, तो मेरा उपयोग कीजिये l नहीं देखी जाती, निरीह प्राणियों के साथ क्रूरता, नहीं देखा...

Vivek Pathak
2 दिस॰ 20241 मिनट पठन
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स्वीकार और सफ़लता
मुझमें जो धार है, नहीं होती, स्वजनित कुकर्मों के पाषाणों से, यदि न रगड़ा जाता l मुझमें जो आभा है, नहीं होती, स्वज्वलित ज्वाला से, यदि न...

Vivek Pathak
26 नव॰ 20241 मिनट पठन
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कैसे हों किसी के?
कि मैं तुमसे कहूँ तुम मेरे हो जाओ, कि मैं तुमसे कहूँ तुम मेरे हो जाओ, ऐसे कहना ठीक नहीं l बात कुछ यूँ हो, कि मैं तुम्हारा हो जाऊँ, बात...

Vivek Pathak
24 नव॰ 20241 मिनट पठन
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बचपन का अहसास
वो सारे अपने, जिनके साथ जीवन जिया, जिनके साथ खेले और बड़े हुए, वो भाई-बहनें, वो मेरे दोस्त। बह गए सब समय की रेत में, खो गये कुछ पाने, कर...

Vivek Pathak
17 नव॰ 20241 मिनट पठन
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