बधाई हो बेटा हुआ है
- Vivek Pathak

- 30 मार्च
- 1 मिनट पठन
ऐ मर्द ! तेरे पैदा होने की ख़ुशी,
सिर्फ़ इसलिये मनाई जाती है l-2
कि कोई तुझमें बुढ़ापे की लाठी डूँढ़ता है,
या पैसे कमाने की मशीन समझता है तुझे l
सबकी सुरक्षा का ठेका तेरा,
हर कोई चौकीदार समझता है तुझे l
तेरे संघर्षों की बात ही नहीं होती,
बाक़ी सबका दर्द देखा जाता है l
बिना मतलब के प्रेम तो,
सिर्फ़ बच्चों, स्त्रियों और कुत्तों को मिलता है l
प्रेम की अगर आशा भी की तूने,
तो उसका भी पहले मूल्य चुकाना होगा l
जीवनभर ज़िम्मेदारियों का बोझ उठाने वाला आया-2
ऐ मर्द ! बस इसलिये,
तेरे पैदा होने का जश्न मनाती है ये दुनिया l
विवेक गोपाल कृष्ण पाठक














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