माँ !! तुम मुझसे क्यों लड़ती हो?
- Vivek Pathak

- 17 जुल॰
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अपडेट करने की तारीख: 29 जुल॰
माँ !! तुम मुझसे क्यों लड़ती हो?-2
हाँ, पर गिरता हूँ तो हाथ भी पकड़ती हो l
माँ !! फिर तुम मुझसे क्यों लड़ती हो?
मेरे लिए एक तुम ही हो, पर मैं तो अकेला नहीं तेरा, -2
इसलिए शायद, बाक़ियों से मेरी तुलना करती हो l
तुमने बनाया, तुमने पढ़ाया,
तुम ही दुलार भी करती हो l
माँ !! फिर तुम मुझसे क्यों लड़ती हो?
मैं तो नहीं हनुमान सा, कि चीर छाती बता सकूँ, -2
कि तुम मेरे लिए क्या मायने रखती हो l
माँ !! तुम मुझसे क्यों लड़ती हो?
जिनमें दिखते थे ईश्वर मुझे, वो तो अब रहे नहीं,-2
माँ !!ओ मेरी माँ !! क्या मेरे लिए तुम,
पिता भी बन सकती हो?
विवेक गोपाल कृष्ण पाठक














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