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कैसे हों किसी के?

कि मैं तुमसे कहूँ तुम मेरे हो जाओ,

कि मैं तुमसे कहूँ तुम मेरे हो जाओ,

ऐसे कहना ठीक नहीं l


बात कुछ यूँ हो, कि मैं तुम्हारा हो जाऊँ,

बात कुछ यूँ हो, कि मैं तुम्हारा हो जाऊँ,

और कहने को कुछ न हो l


विवेक गोपाल कृष्ण पाठक

 
 
 

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