जय श्री राम
- Vivek Pathak

- 3 फ़र॰ 2023
- 1 मिनट पठन
अपडेट करने की तारीख: 16 अप्रैल 2023
पूजता हूँ मैं llरामll को -2,
जानकी के करूणानिधान को l
हनुमत की शक्ति के प्रमाण को -2,
शिव के अंतर्मन के गुंजायमान को l
साधुओं की साधना के आधार को,
मुनिओं के धैर्य और विश्वास को l
कष्टों के सागर में डूबते की, जीवन की आस को l
क्यों?
इसलिए नहीं कि मुझे कुछ प्राप्त हो,
इसलिए, कि llरामll के बोध रूपी अश्रु के अतिरिक्त,
और क्या है पाने को?-2
होगी मेरी गति तो मेरे कर्मों से, यही विधि का विधान है l
बस यही एक प्रार्थना है llरामll से, कि जो भी मांगूँ प्रार्थना में,
शब्द कुछ भी हों, सार बस llरामll हों-2 l
ll जय श्री राम ll
विवेक गोपाल कृष्ण पाठक














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