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जय श्री राम

अपडेट करने की तारीख: 16 अप्रैल 2023

पूजता हूँ मैं llरामll को -2, 

जानकी के करूणानिधान को l

हनुमत की शक्ति के प्रमाण को -2, 

शिव के अंतर्मन के गुंजायमान को l

साधुओं की साधना के आधार को,

मुनिओं के धैर्य और विश्वास को l

कष्टों के सागर में डूबते की, जीवन की आस को l


क्यों?


इसलिए नहीं कि मुझे कुछ प्राप्त हो,

इसलिए, कि llरामll के बोध रूपी अश्रु के अतिरिक्त, 

और क्या है पाने को?-2

होगी मेरी गति तो मेरे कर्मों से, यही विधि का विधान है l

बस यही एक प्रार्थना है llरामll से, कि जो भी मांगूँ प्रार्थना में, 

शब्द कुछ भी हों,  सार बस llरामll हों-2 l

ll जय श्री राम ll


विवेक गोपाल कृष्ण पाठक

 
 
 

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