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जीवन क्या है?

जीवन क्या है?

प्रकृति सा सुन्दर, माँ की गोद सा सुरक्षित,

गुरु कृपा सी छाया या साधु सा प्रयास ।


जीवन क्या है?

मन सी माया, तन सी मिट्टी, जल सा बहाब,

वायु सा वेग, आकाश सा विराट या अग्नि सी तपन ।


जीवन क्या है?

कामी सी लालसा, मौनी सा धैर्य, इन्द्रियों सा भटकाव,पर्वत सी दुर्गमता या वृक्ष सा ठहराव ।


जीवन क्या है?

कछुए सा रेंगना या अश्व सा तेज,

माथे की शिकन या चेहरे की मुस्कान ।

परिवार का पोषण या वन का गमन,

हृदय की निश्छलता या नीच का मन ।


जीवन क्या है?

इक्छाओं का अंतहीन समुद्र है शायद, या है संतुष्टि का मीठा झरना ।


मिल जाय अगर दिशा जीवन में, उस ओर चलने में है सार ।वरना उद्देश्य विहीन का जीना बेकार ।


जीवन क्या है?

ये शायद अब मैंने है जाना, उदेश्य को पाना और उस ओर चलते जाना-2


विवेक गोपाल कृष्ण पाठक

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