मूल्य चुकाना होगा
- Vivek Pathak

- 16 अग॰ 2024
- 1 मिनट पठन
अहँकार ही है, जो रोक रहा है आगे बढ़ने से l
कुछ पा लो पहले, दिखा लो पहले,
बता दो कि तुम भी कुछ हो, दुनियाँ को,
बिना कुछ पाये, कायरता होगा, छोड़ना इस जग को, बस यही कहकहकर भरमा रहा है,
अहँकार ही है, जो रोक रहा है आगे बढ़ने से,
बात अगर बस साहस की होती, तो इतनी कठिनाई न थी, भोग लो सुख साधन और, जी लो जीवन को कुछ और, बस यही कह कह कर, डोरे दाल रहा है,
अहँकार ही है, जो रोक रहा है आगे बढ़ने से l
माया का जाल और उस पर प्रारब्ध की गठरी,
बाँध रही है इस जीवन की भी ठठरी,
बढ़ना है अगर आगे तो मूल्य चुकाना होगा l
लोभ-मोह, सम्मान-अपमान, हार-जीत, पर सबसे पहले अहँकार को मिटाना होगा,
बढ़ना है अगर आगे तो मूल्य चुकाना होगा l
विवेक गोपाल कृष्ण पाठक














टिप्पणियां