हे प्रभु!
- Vivek Pathak
- 2 दिस॰ 2024
- 1 मिनट पठन
हे प्रभु! मेरे कष्टों को दूर कीजिए,
यदि किसी योग्य हूँ, तो मेरा उपयोग कीजिये l
नहीं देखी जाती, निरीह प्राणियों के साथ क्रूरता,
नहीं देखा जाता अब,
सरल के साथ छल और निश्छल के साथ धृष्टता l
हे प्रभु! मेरे कष्टों को दूर कीजिए,
यदि किसी योग्य हूँ, तो मेरा उपयोग कीजिये l
स्त्री को उपभोग की वस्तु और, पुरुष को धन उपलब्धता का चाकर समझा जाता है l
भोजन के नाम पर हत्या और, नशे में डूबना,
सुख समझा जाता है l
कुटिल है उचित और, सरल को मूर्ख समझा जाता है l
मानवता का ये पतन, अब मुझसे न सहा जाता है l
हे प्रभु! मेरे कष्टों को दूर कीजिए,
यदि किसी योग्य हूँ, तो मेरा उपयोग कीजिये l
विवेक गोपाल कृष्ण पाठक
Comments