ज़िन्दगी का सबक़
- Vivek Pathak

- 25 जुल॰ 2023
- 1 मिनट पठन
बादलों से भी मिलता है ज़िन्दगी का सबक़,
कि जो पाया है सागर से, उसे बांटने में ही सार हैl
कि समय रहते जो बरसते नहीं,
तबाही का कारण हुआ करते हैं l
वैसे ही कलियों को यदि, पुष्पों सा वैभव पाना हैl
तो सुगँध को बिखेरना होगा l
और अगर बीज़ को वट वृक्ष होना है,
तो ख़ुद को मिटाना होगा l
विवेक गोपाल कृष्ण पाठक














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