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"Glimpses Of Truth"

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जान रहा हूँ जग को
जितना जान रहा हूँ जग को, उतने बंधन छूट रहे l जितना जान रहा हूँ जग को, उतने बंधन छूट रहे l पाना-खोना, जीना-मरना, पाना-खोना, जीना-मरना, सब...

Vivek Pathak
25 जन॰1 मिनट पठन
अकेले में
थोड़ा रो लिया करो अकेले में, थोड़ा रो लिया करो अकेले में, दुनिया की भाग दौड़ में, कहीं खो ना दो ख़ुद को, कभी तो खो लिया अकेले में l...

Vivek Pathak
10 जन॰1 मिनट पठन
तेरे बिना
तूने कहे सौ फ़साने ए ख़ुशनवर, जिसने दिया दर्द ए दिल, एक नज़राना उसके लिए l कि तुझसे बिछड़कर मरना गँवारा न हुआ, तेरे बिना जीने को, मैंने...

Vivek Pathak
28 दिस॰ 20241 मिनट पठन
शायर होना क्या है?
आख़िर शायर होना क्या होता है?-2 शायर होना, एक रफ़ कॉपी की तरह होता है, कि जब तक न काटे, अपने लिखे को दो बार, सही लिखना कहाँ होता है? यूँ...

Vivek Pathak
28 दिस॰ 20241 मिनट पठन
अंतर का ख़ज़ाना
न जाने क्यों हर तरफ़, अब कमीं नज़र आती है, न जाने क्यों हर तरफ़, अब कमीं नज़र आती है, जब से मिली है ख़बर अंतर के ख़ज़ाने की, बाहर के सोने...

Vivek Pathak
21 दिस॰ 20241 मिनट पठन
जीवन और फ़क़ीर
भोर की लालिमा में, किसी चूल्हे से, उठती धुँए की एक लक़ीर l भोर की लालिमा में, किसी चूल्हे से, उठती धुँए की एक लक़ीर l निकल पड़ा हो जैसे,...

Vivek Pathak
8 दिस॰ 20241 मिनट पठन
हे प्रभु!
हे प्रभु! मेरे कष्टों को दूर कीजिए, यदि किसी योग्य हूँ, तो मेरा उपयोग कीजिये l नहीं देखी जाती, निरीह प्राणियों के साथ क्रूरता, नहीं देखा...

Vivek Pathak
2 दिस॰ 20241 मिनट पठन
स्वीकार और सफ़लता
मुझमें जो धार है, नहीं होती, स्वजनित कुकर्मों के पाषाणों से, यदि न रगड़ा जाता l मुझमें जो आभा है, नहीं होती, स्वज्वलित ज्वाला से, यदि न...

Vivek Pathak
26 नव॰ 20241 मिनट पठन
कैसे हों किसी के?
कि मैं तुमसे कहूँ तुम मेरे हो जाओ, कि मैं तुमसे कहूँ तुम मेरे हो जाओ, ऐसे कहना ठीक नहीं l बात कुछ यूँ हो, कि मैं तुम्हारा हो जाऊँ, बात...

Vivek Pathak
24 नव॰ 20241 मिनट पठन
बचपन का अहसास
वो सारे अपने, जिनके साथ जीवन जिया, जिनके साथ खेले और बड़े हुए, वो भाई-बहनें, वो मेरे दोस्त। बह गए सब समय की रेत में, खो गये कुछ पाने, कर...

Vivek Pathak
17 नव॰ 20241 मिनट पठन
दुःख और दान
जिसने समझा बात को उसको नमन, जिसने समझाया उसको नहीं l जिसने माँगा रक्षण उसको नमन, जिसने की रक्षा उसको नहीं । जिसने स्वीकारा दान को उसको...

Vivek Pathak
4 नव॰ 20241 मिनट पठन
हृदय से काग़ज तक
उसने कहा, ऐसा क्या कर लिया तुमने, शब्द ही तो हैं उतार लिए कागज़ पर l मैं बोला, प्रसाद और भोजन में अंतर समझते हो l आँसू जब भी निकलते हैं,...

Vivek Pathak
23 अक्टू॰ 20241 मिनट पठन
अपने हिस्से के आँसू
चाहोगे जिसे हद से ज़्यादा, वही दिल तोड़ेगा, रखी आस जिससे भी, वही हाथ छोड़ेगा l सिर्फ़ तुम ही हो तुम्हारा सहारा, जितना जल्दी जान लो, तो...

Vivek Pathak
23 अक्टू॰ 20241 मिनट पठन
है स्वीकार
तुझसे मिली खुशियाँ क़ुबूल हैं जब, तो फिर ग़म से भी, नहीं एतराज़ l आती है ख़ुशबू गुल से जब, तो शूल से जो दर्द मिले, वो भी स्वीकार l उतरती...

Vivek Pathak
19 सित॰ 20241 मिनट पठन
द्वन्द
उदास हो जाता हूँ, जब चाहकर भी, किसी की मदद के लिए रुक नहीं पता हूँ l जल्दी में हूँ, हूँ भीड़ में, चाहकर भी मुड़ नहीं पाता हूँ l मन कुछ कहता...

Vivek Pathak
14 सित॰ 20241 मिनट पठन
मूर्खता का प्रमाण
यूँ ही परेशां हूँ, कि ये न मिला वो न मिला, पर जो मिला है उसे गिनता ही नहीं l जब देखता हूँ ग़म दूसरों के, तो लगते अपने ग़म कुछ भी नहीं l...

Vivek Pathak
4 सित॰ 20241 मिनट पठन
युद्ध करो
हे कृष्ण…!! समय नहीं है अब मुरली का, रास को अब विदा करो l समय हो गया है गीता का, अर्जुन में हुँकार भरो l गोकुल की लीला त्यागकर, रण में अब...

Vivek Pathak
26 अग॰ 20241 मिनट पठन
शायर हो बैठा
ग़ुमान था कि शायर हूँ, ख़ुशनवर हूँ -2 फिर दिनकर, नीरज, मीरा, कबीर, सूर, निराला को सुन बैठा l अरे बात यहाँ ख़त्म न हुई-2 ग़ालिब और जौन एलिया...

Vivek Pathak
21 अग॰ 20241 मिनट पठन
मूल्य चुकाना होगा
अहँकार ही है, जो रोक रहा है आगे बढ़ने से l कुछ पा लो पहले, दिखा लो पहले, बता दो कि तुम भी कुछ हो, दुनियाँ को, बिना कुछ पाये, कायरता होगा,...

Vivek Pathak
16 अग॰ 20241 मिनट पठन
रौशनी की जाये
डूबे हो अग़र, ग़म के अधेरों में इस क़दर, कि क़िस्मत-ए-सहर की भी, कोई अब आस नहीं, ख़ुद को जलाकर, क्यों न रौशनी की जायेl जो अभी थके नहीं, जिनमें...

Vivek Pathak
14 अग॰ 20241 मिनट पठन
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